व्यक्तित्व क्या है – Vyaktitva Kya Hai
Personality शब्द लैटिन भाषा के शब्द Persona से उत्पन्न हुआ है, इसका अर्थ है नकाब। प्राचीन समय में व्यक्तित्व का तात्पर्य लोगों के बाहरी गुणों से होता था|
व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके सम्पूर्ण व्यवहार का एक दर्पण होता है। व्यक्तित्व के स्वरुप को समझाने के लिए कई वैज्ञानिको ने अलग-अलग परिभाषाएं दी है –
गिलफोर्ड के अनुसार–
व्यक्तित्व गुणों का संगठित रूप है
मन के अनुसार–
व्यक्तित्व एक व्यक्ति के व्यवहार के तरीकों, रुचियों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं तथा योग्यताओं का सबसे विशिष्ट संगठन है।
आलपोर्ट के अनुसार
व्यक्तित्व एक व्यक्ति के भीतर के मानसिक और शारीरिक गुणों का गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के साथ व्यक्ति का अद्वितीय समायोजन निर्धारित करता है।
व्यक्तित्व के प्रकार

मनोवैज्ञानिक दृस्टि से व्यक्तित्व का वर्गीकरण यंग ने किया था। इसका उल्लेख उन्होंने अपनी पुस्तक Psychological Types में किया था।
यंग ने व्यक्तित्व के तीन प्रकार बताये हैं- अन्तर्मुखी व्यक्तित्व, बहिर्मुखी व्यक्तित्व और उभयमुखी व्यक्तित्व।
अन्तर्मुखी व्यक्तित्व :-
- ऐसे लोग अक्सर कम बोलते हैं।
- ये लोग चिन्तन और सोच-विचार बहुत करते हैं।
- ये लोग अंतर्मुखी तथा एकान्तप्रिय होते हैं।
- प्रत्येक कार्य को सोच विचार कर करते है।
- ये अपने कर्तव्यों के प्रति सत्यनिष्ठ होते हैं।
- ये लोग अच्छे लेखक होते है परन्तु ये अच्छे वक्ता नहीं होते।
- ये हसीं-मजाक, निन्दा व फालतू बातचीत नहीं करते हैं।
- ये अध्ययनशील व् मननशील होते है।
- इनका व्यवहार आज्ञाकारी होता है।
- ये व्यक्ति शीघ्र घबराने वाले होते हैं।
- ये अपने feelings को अपने तक सीमित रखते हैं।
- ये लोग भविष्य में वैज्ञानिक, दार्शनिक, रिसर्चर या लेखक आदि बनते हैं।
बहिर्मुखी व्यक्तित्व :-
- ये लोग आशावादी होते हैं।
- ये लोग अहमवादी तथा अनियंत्रित भी होते हैं।
- ये लोग दूसरों को प्रभावित (influence) करके अपना काम आसानी से निकाल लेते हैं।
- ये लोग चिन्ता-मुक्त होते हैं तथा इनका ध्यान आनन्दपूर्वक जीवन जीने में करना होता है
- ये सामाजिक जीवन में काफी रूचि लेते हैं।
- ये व्यावहारिक जीवन में कुशल होते हैं|
- इस प्रकार के व्यक्ति भविष्य में व्यापारी व राजनैतिक नेता, अभिनेता तथा खिलाड़ी आदि बनते हैं।
उभयमुखी व्यक्तित्व:-
उभयमुखी लोग अन्तर्मुखी गुणों को भी विचार में ला सकता है और बहिर्मुखी गुणों को कार्य के रूप में भी स्थान दे सकता है।
जैसे कि एक व्यक्ति अच्छे लेखक के साथ-साथ अच्छा वक्ता दोनों हो सकता है।